Duplicate Pan Card Rule: डुप्लीकेट पैन कार्ड रखना कानूनी समस्याओं और वित्तीय धोखाधड़ी को बढ़ावा दे सकता है। NSDL या UTIITSL की वेबसाइटों पर सरेंडर करना बहुत आसान है। सख्त नियमों और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए यह करना अनिवार्य है। सख्त नियमों और पारदर्शिता के लिए यह आवश्यक है।
पैन कार्ड, जिसे परमानेंट अकाउंट नंबर (Permanent Account Number) कहते हैं, हर भारतीय के लिए एक जरूरी दस्तावेज है जो आपकी पहचान का भी काम करता है और वित्तीय लेन-देन में इसकी बहुत अहमियत होती है। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने, बैंक खाता खोलने, संपत्ति खरीदने, और कई अन्य वित्तीय गतिविधियों में पैन कार्ड का उपयोग किया जाता है।

अगर आपके पास एक से ज्यादा पैन कार्ड हैं, तो ये आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। ये न सिर्फ कानून के खिलाफ है, बल्कि इससे आपको जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।एक से ज्यादा पैन कार्ड रखना गलत क्यों है?
पैन कार्ड का असली मकसद आपकी वित्तीय लेन-देन को ट्रैक करना है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के पास सिर्फ एक ही पैन कार्ड होना चाहिए। अगर कोई जानबूझकर या गलती से डुप्लीकेट पैन कार्ड रखता है, तो इससे कई तरह की वित्तीय और कानूनी दिक्कतें हो सकती हैं।
- टैक्स धोखाधड़ी को रोकने के लिए
- डुप्लीकेट पैन कार्ड का इस्तेमाल टैक्स चोरी के लिए किया जा सकता है। कुछ लोग इसे अपनी आय छिपाने या टैक्स की जिम्मेदारी से बचने के लिए अपनाते हैं।
- कानूनी अपराध
- डुप्लीकेट पैन कार्ड रखना कानून के खिलाफ है। इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट की धारा 272B के तहत आपको ₹10,000 तक का जुर्माना हो सकता है।